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Wednesday, May 6, 2015

स्त्रियां जो शास्त्रों में अच्छी मानी जाती हैं

स्त्रियां जो शास्त्रों में अच्छी मानी जाती हैं 
  • जो मीठे वचन बोलती है। जिसकी आवाज में मधुरता हो और जो हर किसी से स्नेहिल वाणी में व्यवहार करती हो।  
  • आस्तिक, सेवा भाव रखने वाली, क्षमाशील, दानशील, बुद्धिमान, दयावान और कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा से करने वाली लक्ष्मी का रूप होती है।
  • जो स्त्री तन से अधिक मन से सुंदर हो।
  • जो घर आए मेहमानों का स्वागत सत्कार करे। 
  • पराया दुख देखकर दुखी हो अपनी सामर्थ्य के अनुसार सहायता करे।
  • घर की रसोई में भेद-भाव किए बिना समान रूप से सभी को भोजन परोसे। 
  • जो प्रतिदिन स्नान करके साफ और स्वच्छ वस्त्र पहन कर रसोई घर में प्रवेश करती है। 
  • सुबह शाम घर में देवी-देवताओं के सामने धूप, दीप और सुंगधित अगरबत्ती जला कर पूजा-पाठ करती है।
  • तिव्रत धर्म का पालन करे। अपना और पति का अपमान सहन न करे।
  • धर्म और नीति के मार्ग पर चलने के लिए पारिवारिक सदस्यों को प्रेरित करे। जो निर्भिक हो और अपनी बात कहने का साहस रखे। 
स्त्रियां जो शास्त्रों में अच्छी नहीं मानी जाती हैं 
  • जो स्त्री मैली-कुचैली सी रहती है। 
  • जो पाप कर्मों में रत रहती है, पराये पुरुषों में जिसका मन रमता है।
  • जो बात-बात पर गुस्सा करती है, जो छल-कपट या मिथ्या भाषण करती है। जो व्यभिचार करती है। 
  • जो अपने घर को संवार कर नहीं रखती, जिसके विचार उत्तम नहीं होते।
  • जो अपनी संतान से स्नेह नहीं रखती। 
  • जो सिर्फ अपने बारे में सोचती है।
  • जो दूसरो के घरों में झगड़ा लगाने की ताक में रहती है। जो आपराधिक गतिविधियों में शामिल होती है। 
  • जो इधर की बात उधर करती है।